कल हमने आपको बताया था घटिया सड़क निर्माण में पड़ीं दरारों को बढ़ने से रोकने की अद्भुत अनोखी निराली काँटी ठोक तकनीक। इसी कड़ी में हम आपके लिए ले कर आये हैं , इस कृत्य को ढांकने तोपने की नई तरकीब। कवर्धा से सिमगा तक पर पड़े लगभग 6500 दरारों को छुपाने मध्य प्रदेश के शिव करीबी बिल्डर दिलीप ने अब सीमेंट की सड़क पर बिट्युमिन का मुलम्मा चढ़ाने का अनूठा कार्य प्रारम्भ किया है।
पचास साल के लिए नर्मित इस सड़क पर पड़ी दरारों को छुपाने बिट्युमिन और बजरी की दो लेयर के बीच फाइबर मेश का उपयोग किया जा रहा है , जो हाइवे इतिहास में MILE STONE साबित होगा। सामान्यः इस फाइबर मेश का उपयोग फ्लाईओवर के दोनों तरफ रैनफोर्स्ड अर्थ वाल के अंदर SIZEBLE TENSILE STRESS को दृढ़ता से सम्हालने लीनियर री इंफोर्स्मेंट के लिए किया जाता है। ताज्जुब की बात है कि नेशनल हाइवे के अधिकरियों ने बताया कि दिलीप बिल्डकॉन अगले तीस साल तक इस सड़क पर डामरीकृत मुलम्मा चढ़ाता ही रहेगा।
अब सवाल ये उठता है की हर साल बरसात में भारी यातायात की वजह से डामर उखड़ने के साथ साथ उसमे लगी वायर मेश भी टूट टूट कर उखड़ेगी और तब सड़क पर होने वाली अप्रत्यशित दुर्घटनाओं का जिम्मेदार कौन होगा ? इति।