छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री अजीत जोगी कभी नहीं चाहते थे की छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड अपने होटल मोटल चलाएं। उनका मानना था कि इस व्यवसाय में प्राइवेट प्लेयर की भागीदारी होनी चाहिए और छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड तटस्थ भूमिका निभाएं। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के शासन में बैठे पर्यटन मंत्री कमीशन खोरी के चक्कर में तमाम चुनिंदा स्थानों पर छत्तीसगढ़ मोटल का निर्माण करवाने लगे। इनमें से कई जगह तो ऐसी थी जहां दूर-दूर तक पर्यटन की कोई संभावना नहीं थी. भाटागांव का पर्यटन मोटल उसी की एक बानगी है
लिहाजा ये पर्यटक मोटल न तो छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड संचालित कर पाया ना ही कोई प्राइवेट प्लेयर। अब एक बार फिर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के जर्जर और खस्ताहाल 24 मोटल / रिसॉर्ट को 30 वर्षों के लिए लीज पर दिए जाने की कवायद शुरू हो गई है इसके लिए छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के निजी निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने टेंडर जारी कर दिया है।
इसके पहले सन 2011-12 में भी टेंडर किए गए थे , तब निजी निवेशकों ने इन मोटलों को अच्छी हालत में मय फर्नीचर ए सी सहित किराए पर लिया था. तब उन्हें इसके सिर्फ संचालन की अनुमति मिली थी पर कुशल संचालन के अभाव में और अय्याशी के अड्डे बने यह मोटल छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को सन 2016 के आते आते वापस कर दिए गए और धीरे धीरे बर्बादी के कगार में पहुंच गए। एक बार फिर इन्हें लीज पर देने की कोशिश जारी है।
हाल ही में सरकार ने आबकारी नीति में संशोधन करते हुए मोटलों में शराब परोसने की अनुमति प्रदान कर दी है । नतीजतन अब निजी निवेशकों में उत्साह की लहर है और उन्होंने चार मोटलों के लिए एकमुश्त प्रीमियम राशि भी जमा करवा दी है।
इनमें अंबिकापुर के पास मितान मोटल चढ़ीरमा सरगुजा जिसकी ऑफर राशि 5,02,969 थी निवेशकों ने 15,07,777 रुपये जमा करवा दिए हैं , इसी तरह मितान मोटल कोड़ा तराई रायगढ़ के लिए एकमुश्त प्रीमियम राशि 6,14,371 से बढ़कर 25,66,899 निवेशकों ने जमा कराएं हैं
बिलासपुर रोड पर सरगांव स्थित बंद पड़े मोटल के लिए निवेशकों ने 21 ,76 , 197 बेस्ऑफर के विरुद्ध 42,11,121 रुपए निवेश किए हैं वही कुली पोटा , जांजगीर चांपा के लिए निवेशकों ने 17,86 ,249 के विरुद्ध मात्र 19,24,111 रुपए ही बीड किए हैं। पर इस बार छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अधिकारियों में खुशी की लहर है वे अपनी निविदा नीति से इस बार काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि बाकी बचे मोटल भी शीघ्र ही निवेशकों के हवाले होंगे।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन नए मॉटल संचालकों को एकमुश्त प्रीमियम राशि की 35% राशि सालाना किराए के तौर पर देनी होगी और 75% रोजगार स्थानीय बेरोजगार व्यक्तियों को देना होगा। यह रोजगार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। आशा है इस बार छत्तीसगढ़ के मोटल चल निकलेंगे और पर्यटन को भी अच्छा खासा बढ़ावा मिलेगा। इति।