यदि आपके घर में कोई क्रैक डेवलप हो जाय तो आप भी इस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल कर घर गिरने से बचा सकते हैं। भारत सरकार के NHAI के ठेकेदारों ने एक नई तकनीक ईजाद की है , जिसे सम्भवतः पेटेंट कराने की भी तैयारी है। छत्तीसगढ़ में बैठे आला अधिकारीयों ने भी इस तकनीक को मान्यता देने का मन बना लिया है , और इस ठेकेदार दिलीप बिल्डकॉन की कारगुजारियों पर पर्दा डाल कर अपनी कुर्सी बचाने में सफलता हासिल कर आँखें मूँद ली हैं ।
मामला भाजपा सरकार में सिमगा से कवर्धा तक बनाई गयी सीमेंटेड सड़क का , जो लगभग 6500 क्रक्स की वजह से अब तक सुर्ख़ियों में है। हालाँकि तत्कालीन NHAI में पदस्थ चीफ इंजीनयर ने इस रसूखदार ठेकेदार को अब तक NOC प्रदान नहीं की है , अलबत्ता ये अब इस टुकड़े टुकड़े हुई सड़क पर बाकायदा टोल वसूलने की तैयारी कर चूका है।
देखिये किस तरह इस ठेकेदार ने काँटी ठोक तकनीक का इस्तेमाल कर NHAI के साथ साथ आम आदमी की आँखों में धूल झोंकने का काम किया है। पहले क्रेक्स के वर्टिकल सड़क काट कर झिर्री बनाई , फिर इसमें सरिये की काँटी बना कर ठोक डाली। है कारगर तकनीक , 50 साल के लिये बनी इस सड़क के क्रैक्स रोकने का तरीका ,उपर से फिर कॉन्क्रीट डाल कर सरियों को छुपा दिया जाता है, और अधिकारीयों पर भुगतान प्राप्त करने ऊपर से दबाव बनाया जाता है।
होना तो ये चाहिए था कि जिस सेक्शन में क्रैस हों उसे पूरा का पूरा तोड़ कर फिर से नई ढलाई की जाती , पर ऐसा करने से संभवतः 90 किलोमीटर की पूरी सड़क ही फिर से बनानी पड़ जाती , अतः ठेकेदार ने ये आसान तरीका ढूंढ निकला है।
पूर्व मुख्य मंत्री डॉक्टर रमन सिंह इस सड़क की तारीफ करते नहीं थकते थे , यदि उनका शासन होता तो कब की NOC मिल गई होती , बेचारा अधिकारी भी कब तक इंकार कर पाता। वो तो शासन बदल गया। फिर भी इस ठेकेदार की हिमाकत देखिये , आम जनता से इस गुणवत्ता विहीन सड़क का टोल वसूलने की तैयारी कर इसने सबको अचम्भित कर दिया है। लगता है इसके रसूख के चलते सभी नतमस्तक हैं।