गाजा में इजरायल और हमास के बीच 11 दिन से जारी संघर्ष आज तड़के समाप्त हो गयी। इजरायल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में युद्ध विराम को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही वहां दशकों में अब तक के सर्वाधिक भीषण संघर्ष की समाप्ति हो रही है। इजरायल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने कहा कि मध्यस्थ मिस्र की पहल पर सर्वसम्मति से द्विपक्षीय और बिना शर्त के युद्ध विराम के पक्ष में सहमति हुई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से लड़ाई समाप्त करने के अनुरोध और मिस्र, कतर, संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के एक दिन बाद यह प्रगति हुई है। हमास के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि युद्ध विराम का अंत आपसी सहमति से हुआ है।
युद्ध विराम दोनों पक्षों के बीच प्रगति का अवसर लेकर आया-बाइडेन
संघर्ष विराम पर जो बाइडेन ने कहा कि युद्ध विराम दोनों पक्षों के बीच प्रगति का अवसर लेकर आया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और हम संयुक्त राष्ट्र और अन्य हितधारकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि तेजी से मानवीय सहायता प्रदान की जा सके, साथ ही गाजा के लोगों और गाजा पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त किया जा सके।
एंटोनियो गुटेरेस ने मिस्र और कतर की सराहना की
इस पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि 11 दिनों की घातक शत्रुता के बाद गाजा और इजरायल के बीच युद्ध विराम का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि हिंसा से पीड़ित और उनके परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने मिस्र और कतर की सराहना की, जिससे गाजा और इजरायल में शांति बहाल करने में मदद मिली।
वहीं गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 10 मई को शुरू हुई लड़ाई में 1900 से ज्यादा हवाई हमले किये गए। इनमें 65 बच्चों और 39 महिलाओं समेत 240 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गये हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस्राइल में 12 लोग मारे गये हैं। रॉकेट हमलों में घायल हुए सैकड़ों लोगों का इलाज किया जा रहा है।
कब शुरू हुआ विवाद
गौरतलब हो कि इजरायल और हमास के बीच लड़ाई उस समय शुरू हुई थी जब हमास ने यरुशलम पर लंबी दूरी के रॉकेट दागे थे। इसके पहले अल-अक्सा मस्जिद में फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच झड़प हुई थी। रॉकेट हमले होने पर इजरायल ने हमास को निशाना बनाते हुए सैकड़ों हवाई हमले किए। बताया जा रहा है कि इस युद्ध में हमास ने इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे। युद्ध में 240 से अधिक लोगों के मारे जाने और भारी तबाही की खबरें हैं।