मुंबई में हल्की बारिश हुई नहीं कि लोगों का जीना मुहाल हो जाता है। दरअसल, ऐसी परिस्थिति में रेलवे ट्रैक पर पानी जमा हो जाता है और मुसाफिरों को कई बार काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। मुसाफिरों की इन्हीं दिक्कतों को सहुलियत में बदलने के लिए भारतीय रेलवे की आरपीएफ ने ”रेलवे फ्लड टीम” का गठन किया है। यह अपने आप में एक अभिनव पहल है। यह उन राज्यों के लिए भी रामबाण साबित हो सकता है, जहां पर बाढ़ के कारण कई बार लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आइए अब विस्तार से जानते हैं भारतीय रेलवे की इस खास पहल के बारे में…
रेलवे फ्लड रिलीफ टीम का गठन
मुंबई महानगर में बारिश के कारण कई बार आम लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि रेलगाड़ियों के परिचालन में भारी मशक्कत करनी होती है। इस दौरान रेलवे को एनडीआरएफ से मदद की गुहार लगानी पड़ती है और तब तक काफी वक्त बीत चुका होता है। ऐसे में विलंब से बचने और त्वरित कार्रवाई करने हेतु आरपीएफ ने रेल फ्लड टीम का गठन किया है, जिसका मॉक ड्रिल मुंबई के ठाणे में किया गया। इस मौके पर आरपीएफ के निदेशक अरुण कुमार सेंट्रल रेलवे के जीएम आलोक कंसल भी मौजूद थे।
कैसे करेगी टीम रेस्क्यू ?
इस संबंध में अरुण कुमार बताते हैं कि हम लोगों ने सेंट्रल रेलवे में रेलवे फ्लड टीम तैयार की है। उन्हें इस कार्य के लिए मैकेनाइज्ड बोट और सभी प्रकार के जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही साथ टीम के लोगों की एनडीआरएफ टीम के साथ ट्रेनिंग भी करवाई गई है। इसका जायजा लेने के लिए हमने ठाणे में टीम का संयुक्त मॉक ड्रिल भी कराया है।
एक टीम में होंगे कुल 15 सदस्य
एनडीआरएफ से प्रशिक्षित रेल फ्लड रिलीफ की एक टीम में कुल 15 सदस्य होंगे, जो रेलवे ट्रैक पर पानी आ जाने से बाधित यातायात को सुगम बनाने की कोशिश करेंगे। साथ ही बाढ़ या पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर संभव कोशिश करेंगे। मुंबई जैसे महानगरों में भारतीय रेल का यह प्रयास हर साल बाढ़ की मुसीबतों से जूझ रहे मुसाफिरों के लिए राहत का पैगाम लेकर आएगा।