दरअसल कांकेर लोकसभा के सांसद श्रीमान मोहन मंडावी की शिकायत पर भानुप्रतापपुर तहसील अंतर्गत चार आयरन ओर की खदानों पर एक संयुक्त निरीक्षण , CPCB RD भोपाल , MoEFCC RO WCZ नागपुर और CSIR -NEERI नागपुर के अधिकारियों द्वारा 11 और 12 फरवरी 2020 को किया गया , जिसमे उत्खनन क्षेत्र में तमाम अनियमितताएं पाईं गयीं , लिहाजा क्षेत्रीय अधिकारी , छत्तीसगढ़ पर्यावरण सरक्षण मंडल , जगदलपुर , ने इन खदानों को नोटिस देकर खदान क्षेत्र में चल रही अनियमितताएं सुधारने निर्देशित किया , जिसमे विशेष रूप से पहाड़ी ढलान में वर्षा ऋतु में होने वाले मृदा कटाव को रोकने चॅनेल बना कर सेटलिंग टैंक तक पानी को ले जाने की व्यवस्था को ठीक करने कहा गया। जिस पर इन खदान मालिकों द्वारा केवल खानापूर्ति की गई और जैसा अमूमन होते आया है पर्यावरण अधिकारीयों ने ऑफिस में बैठ कर खदान मालिकों द्वारा भेजे गए निराकरण प्रतिवेदन के आधार पर बिना फील्ड इंस्पेक्शन किये अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को प्रेषित कर दी। एवज में एक मोटी रकम इधर से उधर हो गई।
इस वर्ष भी वर्षा ऋतु का आगमन हो चुका है और संभवतः खदान क्षेत्र के नीचे बसे ग्रामीणों को इस साल भी खामियाजा भुगतना पड़े। पर्यावरण सरक्षण मंडल बहुत समय बाद आयातित आईएफएस अधिकारियों से मुक्त हुआ है और वहाँ विभाग के ही श्रीमान आर पी तिवारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मगर छत्तीसगढ़ के पर्यावरण सरक्षण में लेश मात्र भी इजाफा नहीं हुआ है। …. इति