छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव श्रीमान अमिताभ जैन को राहुल गाँधी विचार मंच के संयोजक वामन राव नागर ने 15 दिसंबर 2020 अर्थात लगभग 6 माह पूर्व अपने शिकायती पत्र के माध्यम से लेखा परीक्षा की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया था की किस तरह छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के तत्कालीन लेखाधिकारी श्रीरंग शरद पाठक ने अपने पद का दुरुपयोग कर ठेकेदारों को 1.42 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर पर्यटन मंडल को आर्थिक क्षति पहुंचाई , संभवतः जिसके एवज में ठेकेदारों ने पाठक को उपकृत भी किया।
गौरतलब है कि लेखा परीक्षा आपत्ति बिंदु क्रमांक 7. 2 अनुबंध में प्रावधानों के बिना मूल्य वृद्धि का भुगतान किये जाने के लिये श्रीरंग शरद पाठक ने अपने पद का दुरुपयोग कर तमाम वित्त नियमो को ताक में रख कर ठेकेदारों को मोटलों के निर्माण में 1.42 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर दिया। तत्संबंध में पाठक द्वारा दिए गये प्रतिवेदन को लेखा परीक्षा ने अमान्य कर दिया था , क्योंकि निष्पादित अनुबंध में मूल्यवृद्धि का कोई प्रावधन नहीं था। आश्चर्यजनक रूप से अब तक इस प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया है , उलटे प्रकरण में मुख्य रूप से दोषी श्रीरंग पाठक को पदोन्नत करते हुए सर्वोच्च पद से भी नवाजा गया।
पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर यही कांग्रेस भ्रष्टाचार संरक्षण के आरोप लगातार लगाती रही , पर वर्तमान में सरकार के नुमाइंदे जिस कार्यप्रणाली का निर्वहन कर रहे हैं , वो भी संदेह के दायरे में है। यही वजह है की रंग बिरंगे पाठक जैसे अनेकों भ्रष्टाचारी सरकारी छत्रछाया में फलफूल रहे हैं , और विभाग गर्त में जाता दिख रहा है…. इति