छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के रिसोर्ट भी अधिकारियों कर्मचारियों के धन उपार्जन का साधन बन चुके हैं। यहाँ कार्यरत मैनेजर सर्विस प्रोवाइडर की ओर से अनुबंध के तहत कार्यरत है जो महीनो तक मानदेय को तरसते हैं। इसलिए वे भी पर्यटन अधिकारियों की सहमति से राशि गबन करने से नहीं हिचकते। मसलन पर्यटकों के कमरे अपग्रेड करना और बीच की राशि गबन करना इनका प्रिय आखेट है, यानि हींग लगे न फिटकिरी , दिन भर में 2 -5 हजार अंदर।
चलिए हम बात करें चित्रकोट रिसोर्ट की , यहां के प्रबंधक महोदय ने नगद कमाने का बढ़िया तरीका ढूंढ लिया। जगदलपुर के RTI कार्यकर्त्ता श्री देव शरण तिवारी द्वारा सूचना क अधिकार के तहत निकली गई जानकारी के अनुसार , दण्डामि रिसोर्ट के प्रबंधक ने नवम्बर दिसम्बर की हाड़ कंपकपाती ठंड के दौरान किसी खोगेन्द्र आचार्या संचालित सूरज रेफ्रिजरेशन से रिसोर्ट के एयर कंडीशनरों में गैस ही गैस भरवाकर लम्बा गोलमाल किया। मिले वाउचर के अनुसार एयर कंडीशनरों के रखरखाव में ही 57,430 रुपये मात्र दो महीनो में ही खर्च किये गए , जिन्हे खर्च करने के लिए भंडार क्रय नियमो की अनदेखी भी की गयी।
यही नहीं इस रिसोर्ट में लगे RO PURIFIRE को भी बार बार सर्विस करा कर राशि की बन्दर बाँट की गई। दरअसल सरकार के अधिकारी इतने शातिर हैं कि उन्हें भलींभाँति मालूम है कि गैस कभी भी निकल सकती है , AC की या उनकी खुद की , इस लिए जब तक कुर्सी में बैठे रहो , गैस ही गैस भरते रहो , कौन हिसाब मिला सकता है। ……इति