गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के किसी भी सरकारी कार्यालय में अब तक बायोमैट्रिक अटेंडेंस का इंतजाम नहीं है । किन अधिकारी कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस जरूरी है इसकी गाइडलाइन भी नहीं है यदि है भी तो उसका पालन नहीं किया जाता /ऐसा नहीं है कि प्रदेश के कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस की मशीनें नहीं लगी , लेकिन उनमें से अधिकांश मशीनें खराब /और पुरानी पद्धति से रजिस्टर में ही सिग्नेचर किए जा रहे हैं जो अमूमन कभी सप्ताह में एक बार या 15 दिन में एक बार अधिकारी दर्ज कर देते हैं / इस पुरानी व्यवस्था के चलते कर्मचारियों का छुट्टी का रिकॉर्ड भी सही तरीके से दर्ज नहीं किया जा सकता / बायोमैट्रिक अटेंडेंस के अभाव में अधिकारी कर्मचारी निर्धारित समय से ना पहुंचकर देर से कार्यालयों में पहुंचते हैं और यत्र तत्र बैठे हुए नजर आते हैं / बमुश्किल कर्मचारी मात्र एक से दो फाइल दिन भर में निपटाते हैं /