छत्तीसगढ़ में पीडब्ल्यूडी विभाग भर्राशाही की ऊंचाइयां छू रहा है। मामला रायपुर से धमतरी तक पुराना धमतरी रोड का है इस सड़क का डीपीआर कहता है की सिंगल लेन सड़क को टूलेन किया जाए यानी टेंडर टूलेन का निकाला गया और 60 करोड़ के टेंडर को अमर बिल्डकॉन दुर्ग के हवाले कर दिया गया। कालांतर में अधिकारियों ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत एडीबी से बनने वाली इस सड़क को फोरलेन में परिणित कर दिया , जिसके लिए सरकार की सहमति भी नहीं ली गई। सरकार को अंधेरे में रखकर चुपचाप यह टेंडर 160 करोड़ का बना दिया गया जिसकी पात्रता निविदाकर्ता को थी ही नहीं। यदि टेंडर पहले से फोरलेन सड़क का बनता तो अन्य ठेकेदार भी दावा पेश कर सकते थे। टू लेन का टेंडर लगाकर फोरलेन में कन्वर्ट करने की साजिश है। अधिकारियों ने पूरी तरह से सरकार को धोखे में रखकर ठेकेदार के साथ रची और पैसों की बंदरबांट कर ली गई यही नहीं 160 करोड़ का टेंडर धीरे धीरे बढ़ कर अब दो सौ करोड़ का हो गया। इस बात से नाराज मंत्री ने एडीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी को निलंबित करने के लिए दो बार नोटशीट चला दी है मगर PWD सेक्रेटरी ने निलंबन आदेश रद्दी की टोकरी में डाल दिया। मजेदार बात है की इस निलंबन आदेश के विरुद्ध ENC सहित समस्त अन्य अधिकारी भी मंत्री के खिलाफ हो गए। अब ADB के इस अधिकारी को अन्यत्र स्थान्तरित करने की कवायद चल रही है।