छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के रायपुर वृत्त अंतर्गत संभाग 2 में कार्यरत घोटालेबाज अधिकारीयों , कर्मचारियों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज नहीं की गई है उलटे उनको बचाने का प्रयास किया जा रहा है। मामला अमानत में खयानत का है। सन 2013 अप्रैल से दिसंबर 2014 तक लेखा विभाग से सम्बन्धित अधिकारीयों कर्मचारियों ने हितग्राहियों से विभन्न मद में वसूली गई राशि का गबन कर हजम करने का प्रयास किया। जिसके लिए 6 अधिकरियों कर्मचारियों का एक निरीक्षण दल गठित किया जाकर जाँच की गई , पाया गया कि A . नॉट टैली RS. 66 ,66,118 /= + B अंतर की राशि RS . 5 ,03 ,225 /= + C सूचना केंद्र की अंतर् राशि RS. 61 ,81 ,389 /= कुल राशि रूपये 1 ,33 ,50 ,732 /= मंडल के कैश बुक अथवा बैंक में जमा नहीं कराया गया है। संभाग क्रमांक 2 के एक्सिक्यूटिव इंजीनियर श्री वी के गहरवार ने अपनी रिपोर्ट स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि तत्कालीन कार्य पालन अभियंता संदीप साहू के द्वारा उपरोक्त सग्रहित की गई राशि के सम्बन्ध में निर्धारित अवधि में कोई भी संतोषजनक कार्रवाही नहीं की है , उलटे वे जिम्मेदारी से भागते फिर रहे हैं। यही नहीं तत्कालीन सहायक अभियंताओं ने भी किसी प्रकार की आपत्ति दर्ज नहीं जाकर क्र अपराध में बराबरी की भागीदारी निभाई है। मजे की बा तो ये है कि वर्ष 13 -14 से ले कर 18 -19 तक चार्टर्ड एकाऊंटेंट ने भी इन त्रुटियों के सम्बन्ध जाँच कर मंडल को अँधेरे में रखा और मंडल के ऑडिट प्रति कोताही बरती। वर्तमान उपयुक्त श्री अजित पटेल ने इन अधिकारीयों के खिलाफ FIR करने बाबत मंडल मुख्यालय को पत्र लिखा है , परंतु अभिमत के भाव में नतीजा सिफर है।