सर्वविदित है कि 13 हजार करोड़ वित्तीय बजट प्राप्त वन विभाग पूरी तरह से कैम्पा मद पर संचालित हो रहा है। मामला वर्ष 19 -20 और 20 -21 में कैम्पा मद के दुरुपयोग का है। वनमंडल धमतरी में पदस्थ रेंजर राजेंद्र साहू ने शासकीय कार्यों में वित्तीय अनियमितता करते हुए विभाग को लाखों रुपयों का चूना लगाया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा जारी आरोप पत्र के अनुसार तत्कालीन रेंजर राजेंद्र साहू द्वारा धमतरी वन परिक्षेत्र अंतर्गत कोड़े गांव से सतियारा WBM सड़क निर्माण कार्य में 4 किलोमीटर की जगह मात्र 3.460 किलोमीटर सड़क बना कर त्रुटिपूर्ण प्रमाणको के आधार पर 8,37,791/= रुपये हजम कर लिए। वहीं गंगरेल /मरादेव बायोडाइवर्सिटी पार्क की बॉउंड्री वाल बिना नीव के ही बना दी और लगभग 19,08,481 /= रूपये की गफलत की। नतीजतन बॉउंड्री वाल जगह जगह से टूट कर गिर रही है।
यही नहीं धमतरी परिक्षेत्र के उरपुती से कलर बहार तक WBM मार्ग के निर्माण में भी वित्तीय अनिमितता करते हुए 879460 /= रुपयों का गबन प्रमाणित है। आश्चर्य की बात है कि इस अधिकारी को अब तक निलंबित नहीं किया गया है। फ़िलहाल जनाब को बिना सस्पेंड किये ही DE शुरू कर दी गयी है और अब तक नतीजा सिफर है।
धमतरी में संदीप वर्मा के साथ EXPOSECG की रिपोर्ट